१.
आदमी
भागता मिला
पूरी करने में
सुकून कि
ख्वाहिश..
२.
अमूल्य
रहेगा सदा
हर एक लम्हा
संग बिताया
हमने..
३.
इम्तिहान
लेती रहेगी
अंत सांस तक
यह जिंदगी
कमबख्त..
४.
श्वेत
कंबल ओढे
पर्वत माला खडी
शिशिर का
कहर..
५.
बिटिया
छोड़ चली
बचपन और बचपना
पिता के
आंगन..
६.
झोपड़ी
छत टपकती
चुल्हे में पानी
भडक रही
जठराग्नि..
७.
छाया
बसंत राज
पीली चूनर तले
सरसों खेत
लहराते..
८.
वास्तविक
जो है
वो ही करवाता
व्यक्ति का
अनुभव..
९.
असाध्य
जो था
साध्य बना देती
व्यक्ति की
लगन..
१०.
पहुंचाता
मंजिल तक
येन केन प्रकारेण
व्यक्ति का
साहस..
_ आरती परीख (२३.६.२०२२)
काव्य विधा “सायली” के बारे में….
सायली एक पाँच पंक्तियों और नौ शब्दों वाली कविता है | मराठी कवि विशाल इंगले ने इस विधा को विकसित किया हैं | बहुत ही कम वक्त में यह विधा मराठी काव्यजगत में लोकप्रिय हुई और कई अन्य कवियों ने भी इस तरह की रचनायें रची |
नियम आसान हैं. ..
◆ पहली पंक्ति में एक शब्द
◆ दुसरी पंक्ति में दो शब्द
◆ तिसरी पंक्ति में तीन शब्द
◆ चौथी पंक्ति में दो शब्द
◆ पाँचवी पंक्ति में एक शब्द
और
◆ कविता आशययुक्त हो |
इस तरह से सिर्फ नौ शब्दों में रचित पूर्ण कविता को सायली कहा जाता हैं |
यह शब्द आधारित होने के कारण अपनी तरह कि एकमेव और अनोखी विधा है |