Archive | January 19, 2022

आहुति

“आहुति” – क्षणिका

जगह जगह
दोचार
विचारों के चिन्गार
छोड़ आती हूं।
.
बिच बिचमें
तीखें शब्दों से
तेल के छींटे
उडा देती हूं।
.
आग
लगे न लगे
लोगों की
समझ ही जिम्मेदार!
_आरती परीख १९.१.२०२२