“सूर्योदय/सूर्यास्त”
अप्रतिम
क्षणिक मिलन
धरती अंबर का
गेरूआ छाया
क्षितिज
- आरती परीख २३.१२.२०२१
सायली रचना विधान
• सायली एक पाँच पंक्तियों और नौ शब्दों वाली कविता है |
• मराठी कवि विशाल इंगळे ने इस विधा को विकसित किया हैं बहुत ही कम वक्त में यह विधा मराठी काव्यजगत में लोकप्रिय हुई और कई अन्य कवियों ने भी इस तरह कि रचनायें रची
• पहली पंक्ती में एक शब्द
• दुसरी पंक्ती में दो शब्द
• तीसरी पंक्ती में तीन शब्द
• चौथी पंक्ती में दो शब्द
• पाँचवी पंक्ती में एक शब्द और
• कविता आशययुक्त हो
• इस तरह से सिर्फ नौ शब्दों में रचित पूर्ण कविता को सायली कहा जाता हैं
• यह शब्द आधारित होने के कारण अपनी तरह कि एकमेव और अनोखी विधा है |
• हिंदी में इस तरह कि रचनायें सर्वप्रथम #शिरीष_देशमुख की कविताओं में नजर आती हैं |
• सायली विधा में आप देखेगें कि #हाइकु की भांती हर लाइन अपने आप में सम्पुर्ण है |
• बातचीत अथवा दुसरी विधा की कविताओं मे जैसे लाइन होती है उस तरह से वाक्य को तोड़ कर लाइन बना देने से ही सायली नहीं होती |
कई महानुभाव सायली छंद कहते है पर सर्वमान्य नही ।
अपने भावों को शब्दों के निश्चित क्रम में प्रकट करने का माध्यम है ।
पाँच पंक्तियों में लेखन का विधान कहा जाता है।
विशेष की मात्रा एवम् वर्ण के बजाय शब्दों की सँख्या को आधार माना है।
इसके अतिरिक्त इस विधा का कोई भी और कोई व्याकरण नही है ।