Archive | October 2021

रहस्य

क्षणिका

पर्यटकों की
आवाज़ सूनते ही
प्रतिध्वनि से
चींखने लगतें
रहस्यों से भरें
महल और किला!

  • आरती परीख २६.१०.२०२१

२ अक्टूबर गांधी जयंती

सबको प्यारे
बटुआ में जो बैठे-
महात्मा गांधी
©आरती परीख २.१०.२०२१

बेनाम रिश्ता

कितना सुहाना था; हमारा रिश्ता,
ना आपने बांधा; ना हमने छोड़ा।

सफर तय था; विपरीत दिशा में,
संयोग अनुसार जीवन को मोड़ा।

हंसी रिश्ते-नाते कुचलता मचलता,
बुलंदियों पर पहुंचा जीवन घोड़ा।

“जी तो लो थोड़ी देर”_दिलने पुकारा,
सुकून कि तलाश में; फिर से दौड़ा।

संस्कार और समाज की जंजीरों में बंधे,
“आरती”कि ज्योति जैसे मिलते थोड़ा थोड़ा।

– आरती परीख २.१०.२०२१