Archive | July 2021

गृहिणी

छोटी छोटी बात पर
चिकचिक करने वाली मैं,
अपनों की
बडी बडी सी गुस्ताखी पर
आंखों में नमी भरे
चूप्पी सी पकड़ लेती हूँ,
घर की बात
चार दिवारों में ही
समेट लेती हूँ,
क्या करुं
गृहिणी जो हूँ!
_आरती परीख २.७.२०२१

पावस ऋतु

बादल छाये
पसीना निचोड़ती
मायूस धूप
_आरती परीख २.७.२०२१

ख़्वाब

सन्नाटा देख
अनबूने से ख़्वाब
शोर मचाये
-आरती परीख २.७.२०२१