Archive | March 2021

વસંત

આંબા મોરિયા*
વગડે વાતુ કરે
વાસંતી હવા
_આરતી પરીખ ૧૭.૩.૨૦૨૧

*મ્હોર્યા

Work from Home

रातभर
खर्राटें भरता
जिस्म बिस्तर पर
और
सात समंदर कि
सैर करता
बाँवरा मन
ख्बाबों में!

  • आरती परीख १६.३.२०२१

झील

बर्फ पिघला
घाटी में चहकती
निर्मल झील

  • आरती परीख १५.३.२०२१

इसी का नाम जिंदगी

निगल गई
बहुत सी ख्वाहिशें
जिम्मेदारीयाँ
_आरती परीख ९.३.२०२१