भरते रहे
ख्वाहिशों का पिटारा
बचपन से
©आरती परीख २९.८.२०१९
Archive | August 2019
તરસ
કોંક્રિટ વને
તરસ્યું સરોવર
ટહુકા ઝંખે
©આરતી પરીખ
साहसिक
कांटों का खौफ
दिलचला गुलाब
रक्त रंगीन
©आरती परीख ८.८.२०१९
दिलचला=साहसिक, नीडर
पिता
कडक नहीं
अक्सर मजबूर
बाप का दिल
©आरती परीख ७.८.२०१९
जिंदगी
बखूबी खेलें
जीवन संग्राम में
खेल कठिन
©आरती परीख ७.८.२०१९
तजुर्बा
भीड़ में पले
तजुर्बे ने सिखाया
अकेले जीना
©आरती परीख ६.८.२०१९
स्वप्न
दो जवां दिल
चश्में नम चमके
ख्वाब सजाये
©आरती परीख ४.८.२०१९
चश्म = आँख
नम = भीगी हुई
फसाना
छोडी सी बात
फसाना बना दिया
संबंध तूटे
~ आरती परीख ३.८.२०१९
पकड
खामोश हवा
खौफनाक रोशनी
गिरफ्त में ले
छोटीमोटी सी बात
भूली बिसरी याद
©आरती परीख १.८.२०१९
फैसला
भीषण युद्ध
दिल दिमाग बीच
अजीब फसें
निर्णय कैसे करें
दोनों मेरे ही अंग
©आरती परीख १.८.२०१९