शब्द खामोश
छलके संवेदना
भ्रमीत मन
©आरती परीख ९.३.२०१८
Archive | March 9, 2018
अहंकार
गिरे है पैड
इतरा रही दूर्वा
तुफानी हवा
©आरती परीख ९.३.२०१८
शबनम
फूल पत्तियां
निशा की आगोश में
ओंस का स्नान
©आरती परीख ९.३.२०१८
तिनका
तिनका जोड़
घरोंदा बना रहे
परिंदे प्यारे
©आरती परीख ९.३.२०१८
समंदर
भास्कर राज
लहरों पर नाचे
स्वर्णिम जल
©आरती परीख ९.३.२०१८
दोपहर
निगोडी धूप
झाड पर जा बैठी
नीचे में खड़ी
©आरती परीख ९.३.२०१८