Archive | August 22, 2017

संस्कृति

छूप के बैठी

संस्कृत साहित्य में

हिंदू संस्कृति

~ आरती परीख

સફાઈ


ચશ્માંના કાચ જ સાફ કર્યા કરે તો શું મળે?!

નજરું જો સાફ કરે તો જીવ્યું જાણ્યું ફળે!

© આરતી પરીખ ૨૨.૮.૨૦૧૭

अंगार

​जब से….

अपने हर एक

अल्फ़ाज़, कदम, नज़र, व्यवहार

मैं

एक ऐसा 

तीखार..अंगार रखा है

कि,

सामने वाला

हरदम हरकदम हर व्यवहार

से पहले

सोचने पर मजबूर हो

कि,

“जल तो नहीं जायेंगे?”


तब से…

में

और

मेरे अम्मी अब्बू सुकून से जीतें है!

© आरती परीख २२.८.२०१७