Archive | August 21, 2017

આચરણ

​વિચારી વિચારીને કેટલું વિચારવું?!

હવે તો બસ; દિલ કહે તેમ આચરવું!

© આરતી પરીખ ૨૨.૮.૨૦૧૭

स्वप्निल

​सपने बूने 

चांद सितारों संग

चांदनी रात

© आरती परीख २२.८.२०१७

स्मरण

​संभाल रहा

सुहाना बचपन

दिल संदूक

© आरती परीख २२.८.२०१७

वर्षा

​शांत हो चुका

सूरज का प्रकोप

मेह मल्हार

© आरती परीख २१.८.२०१७