Archive | July 5, 2017

जीवन यात्रा

​जीवन रेल 

जुड़ते या छूटते

दिलेरी रिश्ते

©आरती परीख ५.७.२०१७

बरसात

​अषाढ़ी झड़ी

लहरा कर लिखे

खेतों की गाथा

© आरती परीख ५.७.२०१७

हरियाली

​अषाढ़ी मेह

हरा-भरा हो गया

खेतों का देह

© आरती परीख ५.७.२०१७

घमंड

​है अनजान

सारी दुनिया जाने

चढ़ा जो अहं

© आरती परीख ५.७.२०१७

जिंदगी

​कभी सहेली

अक्सर है पहेली

जीवन हेली

© आरती परीख ५.७.२०१७

प्रलय

​बाढ़ में बहा

झूला; झुलानेवाली

ईश्वर कहां

© आरती परीख ५.७.२०१७