Archive | June 29, 2017

राम नाम सत्य है

एक सहारा

ढुंढते उम्रभर

मिल ही गए

एक क्या; चार कंधे

न रही जब सांसें

© आरती परीख २९.६.२०१७

संवेदना

​भीग ही गए

दो-चार अहसास

जवां जो हुए

© आरती परीख २९.६.२०१७

पर्याय

​दोनों एक से

सावन या साजन

भिगा के छोड़ें

© आरती परीख २९.६.२०१७

बरसाती मौसम

​रवि-बादल

लुकाछिपी में मस्त

धरती त्रस्त

© आरती परीख २९.६.२०१७