Archive | May 13, 2017

तमाशा

​बहुत नाच लिया; नचा भी लिया,

अब उम्र हुई है तमाशा देखने की!

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આજે અમે સ્ટેજ પરથી નીચે ઊતર્યા,

અર્થ ન સાર કે; પગે પાણી ઓસર્યા..!

~ આરતી પરીખ ૧૩.૫.૨૦૧૭

बढ़ोतरी

​अब वो हल्ला-गुल्ला कहां…

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त्योहारों​ में अजीब तन्हाई घुल गई 

दोस्तों को बढ़ोतरी जो मील गई!

_ आरती परीख १३.५.२०१७

नीव

हवा के झोंके की तरह ही हम आजाद जीव,

प्यार महोब्बत से मिलना जुलना अपनी नीव!

_ आरती परीख १३.५.२०१७

हंगामा

​यारा, आंखों आंखों में ही दिलकी बात समझ लो,

अल्फाज़ ये जहाँ में गुंज गये तो हंगामा हो जायेगा!

_ आरती परीख १३.५.२०१७