Archive | May 4, 2017

अनपढ़ गंवार

​जो बात

बड़े बड़े साहित्यकार भी 

न पढ़ पाए,


वो बात

उन्होंने

आंखों आंखों से ही

पढ़ ली,

समझ भी ली।


साहित्य जगत में

वो 

“अनपढ़ गंवार” 

… से पहचाने जाते है…!!!

_ आरती परीख ४.५.२०१७