Archive | January 18, 2017

नासमझ

​तोडना चाहे

पत्थर के सनम

मोम सा दिल

_आरती परीख १८.१.२०१७

आजादी

होंठों में कैद

अनकहे अल्फाज़

आंखों से गिरे

_आरती परीख १८.१.२०१७

मोहक


मध्यम रात

रंगरली मनायें

झील में चांद

_आरती परीख १८.१.२०१७